रविवार, 3 नवंबर 2019

full forms of abbreviations used in doctor's prescription



जब मरीज का परीक्षण करने के बाद दवाओं की पर्ची लिख कर देता है तो डॉक्टर पर्ची पर दवाइयां लिखते-लिखते मरीज को दवाई दिन में कितनी बार और कैसे लेनी है,यह बताता चलता है पर पर्ची या प्रिस्क्रिप्शन में लिखे सांकेतिक कोड वर्ड न मरीज समझ सकता है न उसके घर वाले। ऐसी परिस्थिति में दवा की दुकान वाला केमिस्ट कई बार दवा की शीशी और गोलियों के पत्तों पर दवा लेने के बारे में हिदायतें लिख देता है,लेकिन यदि मरीज खुद पर्चे में लिखी दवा को कैसे और कितनी बार लेना है समझ जाए तो दवा की गलत खुराक लेने से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। और वैसे भी डॉक्टर के यहां जाने का काम तो हम सभी को कभी-कभी पड़ता ही रहता है तो क्यों न हम स्वयं डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन में लिखी सीक्रेट भाषा सीखें ताकि दवाई लेने में कोई भूल न हो।

दरअसल बीमारी का इलाज करने की एलोपैथिक पद्धति का उद्भव लैटिन अमेरिका में हुआ था। इस कारण
  से डॉक्टर्स अपने प्रिस्क्रिप्शन में लैटिन भाषा प्रयोग करते हैं। यहां हम आपको डॉक्टर द्वारा प्रयोग किये जाने वाले शार्ट फॉर्म्स का पूरा नाम व उनका आशय बताएंगे :

Rx -  Recipere प्रिस्क्रिप्शन में सबसे ऊपर लिखा जाने वाला शब्द। इसका अर्थ है-इलाज के लिए उपचार। यह शब्द भोजन बनाने की विधि अर्थात recipe रेसिपी जैसा ही है। Rx शब्द कई दवाओं के पत्तों पर भी    लिखा रहता हैै।  इस का मतलब है कि यह दवाई  केवल तभी बेची जा सकती है जब डॉक्टर  मरीज को  परची पर लिख कर दे।

N.A.D. - (नो अबनोरमेलिटी डिटेक्टेड) अर्थात मरीज में कोई असामान्यता नहीं पाई गई।

Tab. - tablet गोली
Cap. - capsule
Syp. - सीरप
Inj.  - इंजेक्शन
Oint. - ऑइंटमेंट यानि मलहम
Gtt. - ड्राप

I.M. - Intra muscular मांसपेशी में लगाया जाने वाला इंजेक्शन

I.V. - Intra Venus नस में लगने वाला इंजेक्शन

S.C. - Sub Cutenus त्वचा के नीचे लगने वाला इंजेक्शन।

A/D - Alternate Day दवा एक दिन छोड़ कर लेनी है। इसे Q.O.D.भी लिखा जाता है।

Q.I.D. - Quarter in die दवा दिन में चार बार, चार-चार घण्टे के अंतर से लेनी है।

O.D. - omni die दिन में एक बार लेना है।

B.I.D. - Bis in die दिन में दो बार यानि 12 घण्टे के अंतर से दवा लेनी है।

B.B.F. - before breakfast सुबह नाश्ते के पहले

T.I.D. -  Ter in die  दिन में 3 बार अर्थात 5 घण्टे के अंतर से लेनी है। इसे T.D.S. भी लिखा
जाता है।

S.L. - Sub Lingual जीभ के नीचे रख कर गोली चूसना है।

S.T.A.T. - दवा की खुराक तुरन्त लेना है।

S.O.S. - ज्यादा दर्द या तकलीफ बढ़ने पर ही लेना है।

S.R. - मरीज को नमक कम से कम खाना है।

P.C. - Post zubin दवा भोजन के बाद लेनी है।

H.S. -  Hora somni दवा रात को सोने से पहले लेनी है।

T.S.F. - table spoonful  एक छोटा चम्मच भर कर

W.S. - Warm saline गुनगुने पानी मे नमक डाल कर गरारे करना या दर्द वाली जगह पर सिंकाई करना है।

Aplicap - कैप्सूल लेकिन इसे निगलना नहीं है बल्कि काट कर आंखों में डालना है या घाव पर लगाना है।

Ad Lib - पर्ची में लिखी मात्रा में ही दवा लें।ज्यादा लेने से नुकसान हो सकता है।

P.O. - दवा मुंह से लेनी है,इंजेक्शन द्वारा नहीं।

Q.H. -  Queque Hora हर घंटे।

B.T. - Bed time सोते समय

Pulv - पावडर

s - sine के बिना।

c - cum के साथ।

Q - Queque प्रत्येक

Qd - Queque die प्रतिदिन

Q.O.D. -  Queque Alter die  एक दिन छोड़कर 

गोली पर बीच में बनी लाइन -

आपने देखा होगा कि कई गोलियों के मध्य में एक लाइन बनी रहती है। इसे अंग्रेजी में debossed line कहते हैं।  इस लाइन का क्या उपयोग है ? 
गोली पर बीच में जो लाइन बनी होती है, वह अक्सर साइज में बड़ी गोली पर बनाई जाती है। ज्यादा पॉवरफुल गोली पर भी यह लाइन दवा कम्पनी द्वारा बना दी जाती है। जैसे कोई गोली 100mg मात्रा की है और डॉक्टर ने आपको 50mg मात्रा एक समय में लेने के लिए निर्देश दिए हैं तो आप गोली को बीच में से तोड़ कर आधी गोली ले सकें, इसलिये यह लाइन बनाई जाती है। जिन गोलियों पर यह लाइन नहीं बनी रहती है, उन्हें कभी तोड़कर कम मात्रा में न लें। कम मात्रा में लेने से ऐसी गोली का प्रभाव शून्य होगा।





















शनिवार, 5 अक्तूबर 2019

Full form of NDRF in Hindi


NDRF का लोगो

placetogetfullforms.blogspot.com में हम आपको अंग्रेजी के short forms के बारे में जानकारी देते हैं। ये शब्द रोजमर्रा की जिंदगी में सुनने में आते रहते हैं और आम लोगों को उन शब्दों के बारे में ज्यादा जानने के लिए जिज्ञासा बनी रहती है।हाल ही में बिहार व उत्तर प्रदेश में अतिवृष्टि से जन-जीवन तबाह हो गया। कई सौ लोग मृत्यु का शिकार हो गए और करोड़ों-अरबों की संपत्ति नष्ट हो गई।इन राज्यों में NDRF टीम ने पहुंच कर लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया और उन्हें खाने-पीने की वस्तुएं,पेयजल व दवाइयां उपलब्ध कराई।                                                        

सामान्य तौर पर जब भी देश में कहीं भूकंप या बाढ़ जैसी कोई प्राकृतिक आपदा आ जाती है तो उसका साहसपूर्वक सामना करना आम जनता के बस की बात नहीं होती।इसलिए ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए सरकार ने NDRF दल का गठन किया। गम्भीर परिस्थिति में  NDRF की टीम प्रभावित लोगों की सहायता करने वहां पहुंचते हैं।

NDRF का पूरा नाम है :

NDRF - National Disaster Response Force

जिसे हिंदी में "राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल" कहते हैं।
वैसे Response का हिंदी में अर्थ है- प्रतिक्रिया करना, उत्तर देना। NDRF टीम भी प्राकृतिक आपदाओं का मुकाबला करके दैवीय शक्ति को आदरपूर्वक प्रत्युत्तर देती है।

भारत में प्राकृतिक आपदा प्रबन्ध राज्यों के आपदा प्रबंधन विभाग की जिम्मेदारी होती है। लेकिन जब बाढ़,भूकंप या अन्य कोई प्राकृतिक त्रासदी का सामना करने में राज्य सरकार के पास पर्याप्त साधन नहीं होते हैं तो राज्य के मुख्यमंत्री केंद्र से सैन्य सहायता,NDRF, आधुनिक उपकरण जैसे क्रेन, हेलीकॉप्टर,बोट-नावें, इत्यादि की मांग करती है।

NDRF दल का गठन सन् 2005 में Disaster Management Act के अंतर्गत किया गया था।यह केंद्र के गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। NDRF दल का निर्माण भारतीय सेना की विभिन्न इकाइयों से सदस्य चुन कर किया जाता है। इन सदस्यों को सैन्य विभाग प्रतिनियुक्ति (deputation) पर NDRF टीम में भेजती है। NDRF के इन सदस्यों को प्राकृतिक आपदाओं से निपटने हेतु विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे विकट परिस्थितियों में राहत व बचाव कार्य करके जन-धन की हानि रोक सके।

4 की टीम में कुल 12 बटालियन
की पैरामिलिट्री लाइन फोर्स  शामिल है। जिसमें 3 BSF, 3 CRPF, 2 2CISF, 2 ITBP और 2 SSB के सदस्य रहते हैं।
ये 12 बटालियन भारत के जिन सबसे अधिक आपदाग्रस्त इलाकों में तैनात की जाती है,वे इस प्रकार हैं :-
क्र.1बटालियन NDRF,गोवाहाटी असम- BSF

क्र.2बटालियन NDRF, कोलकाता प बंगाल - BSF

क्र.3 बटालियन NDRF, मुंडला ओडिशा - CISF

क्र.4 बटालियन NDRF, अरककोणाम त नाडु - CISF

क्र.5 बटालियन NDRF, पुणे म राष्ट्र - CRPF

क्र.6 बटालियन NDRF गांधीनगर गुज - CRPF

क्र.7 बटालियन NDRF गाजियाबाद उप्र - ITBP

क्र.8 बटालियन NDRF,भटिंडा पंजाब - ITBP

क्र.9 बटालियन NDRF,पटना बिहार - BSF

क्र.।0 बटालियन NDRF, विजयवाड़ा आप्र - CRPF

क्र.11 बटालियन NDRF, वाराणसी उप्र - SSB

क्र. 12 बटालियन NDRF, ईटानगर अरुणाचल - SSB






बुधवार, 2 अक्तूबर 2019

Full form of ICRA in Hindi

ICRA का फुल फॉर्म होता है - Information and Credit Rating Agency
इसे  संक्षिप्त में "इक्रा" कहते हैं।
- ICRA एक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी है।
       
                            ICRA का लोगो
- इसकी स्थापना 1991 में की गई थी। तब इसका नाम Investment Information and Cred Rating Agency ( IICRA ) था।

- इसका मुख्यालय गुरुग्राम में है।

बाद में कम्पनी ने अपना नाम ICRA किया और 13 अप्रेल 2007 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज व नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हुई।

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बुधवार, 4 सितंबर 2019

SEBI full form in Hindi

SEBI - The Securities & Exchange Board of India
 SEBI का हिन्दी में पूरा नाम है - भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड.



SEBI के गठन का मुख्य उद्धेश्य :-

SEBI के गठन का मकसद क्रेडिट रेटिंग एजेंसयों जैसे क्रिसिल,इक्रा के लिए डिस्क्लोजर नियम तय करना, स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनियों के लिए नियम निर्धारित करना व इन कंपनियों में निवेश करने वाले निवेशकों के हितों का ध्यान रखना है।भारतीय बाजार में निवेश करने हेतु एफआईआई( फॉरेन इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स ) या जिन्हें हिंदी में विदेशी संस्थागत निवेशक कहते हैं,को भी आरबीआई के पास रजिस्ट्रेशन करवाने के साथ-साथ सेबी में भी रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है।

 सेबी संस्था का निर्माण वैसे तो 1988 में ही हो गया था लेकिन इसे वैधानिक मान्यता 12 अप्रैल 1992 को दी गयी थी।
 वर्त्तमान में दिनांक 01 मार्च 2017 से इसके चेयरमेन श्री अजय त्यागी हैं।

 सेबी का मुख्य कार्यालय मुम्बई में है।इसके अलावा सेबी के चार क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं:-
 1.उत्तरी क्षेत्रीय कार्यालय - नई दिल्ली.
2.पूर्वी क्षेत्रीय कार्यालय - कोलकाता.
3.दक्षिणी क्षेत्रीय कार्यालय - चेन्नई.
4.पश्चिम क्षेत्रीय कार्यालय - अहमदाबाद

 सेबी संस्था 9 सदस्यों द्वारा संचालित होती है। जिसमें एक चेयरमेन जो भारत सरकार द्वारा नामित किया जाता है और दो सदस्य भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधिकारी,एक सदस्य रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया से एवं 5 अन्य सदस्य जिनमें 2 अल्पकालिक और तीन पूर्णकालिक (whole time member) सदस्य भारत सरकार द्वारा नामित किये जाते हैं।

भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कोई भी कंपनी के विरुद्ध यदि आप कोई शिकायत करना चाहते हैं तो आप सेबी के टोल फ्री नं 1800 66 7575 या 1800 22 7575 पर सुुुबह 9 बजे से शाम 6 बजे अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा सेबी की https:// www.sebi.gov.in या https://investor.sebi.gov.in
या https://scores.gov.in पर भी शिकायत कर सकते हैं। SEBI सात दिन के अंदर आपकी शिकायतें संबंधित कंपनी को पहुंचा देती हैं।

Postal address of SEBI --

SEBI के मुख्यालय मुम्बई कार्यालय का पता है ~
सेबी भवन, प्लॉट संख्या C-7, "जी" ब्लॉक, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स, बांद्रा (पूर्व ), मुम्बई 400051

सोमवार, 2 सितंबर 2019

Full Form of MNF in Hindi

MNF यानि MIZO National Front मिजोरम में एक छोटी क्षेत्रीय पार्टी है।वर्तमान में इसके अध्यक्ष जोरमथंगा हैं जो राज्य के मुख्यमंत्री भी हैं। 

वर्ष 2018 से पहले MNF राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल हुई थी लेकिन 2018 में यह उससे अलग हो गई। MNF के संस्थापक पी लालडेंगा थे।
                               पी लालडेंगा
MNF पार्टी का उद्भव किस प्रकार हुआ इसकी कहानी बांस की एक स्थानीय प्रजाति से जुड़ी है। इस प्रजाति के बांस में 50 सालों में एक बार फूल आते हैं।
मिजोरम की आबादी 2011 की जनगण35ना के अनुसार 10.9 लाख है। यह देश में दूसरा सबसे कम आबादी वाला राज्य है।राज्य में 91% वनक्षेत्र है। राज्य में बड़े क्षेत्र में बांस उगाया जाता है।यहां बांस की एक प्रजाति मेलोकन्ना बैक्सीफोरा पायी जाती है।बांस की इस प्रजाति में हर 50 साल में एक बार फूल आते हैं। माना जाता है कि बड़ी संख्या में चूहे इन फूलों के बीज खाने के लिए आते हैं। कुछ ही समय में इनकी तादाद कई गुना हो जाती है। जब बीज खत्म हो जाते हैं तो चूहे अनाज के खेतों व गोदामों में घुस जाते हैं।राज्य में 1959 में इसी कारण अकाल पड़ गया। केंद्र सरकार ने भरपूर सहायता की लेकिन राज्य में केंद्र के प्रति असंतोष फैल गया। वर्ष 1959 में मिजोरम असम राज्य का हिस्सा था।असम सरकार के एक पूर्व कर्मचारी ने लोगों की मदद शुरू की। उसने मिजो फेमिन फ्रंट बना कर सरकार से राहत सामग्री आने पर राज्य में चावल और अन्य जिंसों के वितरण में अथक मेहनत की।इसका असर यह हुआ कि फ्रंट की लोकप्रियता बढ़ गई।वर्ष1961 में इसे मिजो नेशनल फ्रंट MNF के रूप में बदल दिया गया। फिर फ्रंट व केंद्र सरकार में टकराव बढ़ गया। फ्रंट ने केंद्र के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया।आंदोलन ने विद्रोह का स्वरूप ले लिया। मजबूरन सरकार को वहां सेना भेजना पड़ी। आंदोलन करीब दो दशक चला। खून-खराबे में हजारों मारे गए। आंदोलन चरम पर पहुंच गया।इसने अब अलगाववादी रूप ले लिया। फ्रंट के लोगों ने मिजोरम के प्रमुख शहर लुंगलेह पर अधिकार कर लिया और भारत से अलग होने की घोषणा कर डाली। तब भारत सरकार ने राज्य में वायुसेना की मदद ली। विद्रोहियों को जंगल मे भागना पड़ा। सन् 1986 में जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे,फ्रंट ने केंद्र के साथ शांति समझौता किया जिसमें जी पार्थसारथी ने अहम भूमिका निभाई। मिजोरम को राज्य घोषित किया गया।वहां चुनाव हुए विद्रोही नेता  पी लालडेंगा राज्य का मुख्यमंत्री बन गया।
यह सरकार लंबे समय तक नहीं चल पाई। लालडेंगा की मृत्यु के बाद जोरमथंगा  MNF पार्टी के अध्यक्ष बने।सन् 1998 में इनके नेतृत्व में पार्टी फिर सत्ता में आई और 10 साल तक सत्ता संभाली।
                                 जोरमथंगा
 MNF 2008 में चुनाव हार गई। तब कांग्रेस ने 40 में से 32 सीटें जीती।MNF केवल 3 सीट जीत पाई।सन् 2013 में राज्य में फिर से 34 सीटें जीत कर कांग्रेस ने सरकार बनाई।MNF सिर्फ 5 सीट हासिल कर पाई।
दिसंबर 2018 में फिर से बहुमत के साथ MNF ने  मुख्यमंत्री जोरमथंगा की अगुवाई में राज्य की कमान संभाली है।

संदर्भ : विकिपीडिया
          : आलेख - श्री टी ई नरसिम्हन (बिजनेस स्टैंडर्ड  13 दिसंबर 2018 )

रविवार, 1 सितंबर 2019

Full form of NRC in Hindi

NRC का फुल फॉर्म है - " National Register of Citizens ".भारतीय नागरिक सूची


असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स की सूची 31 अगस्त 2019 को जारी कर दी गई है जिसमें 19 लाख से अधिक लोगों को इसमें शामिल नहीं किया गया है। NRC में शामिल होने के लिए कुल 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन दिया था जिसमें से 3,11,21,004 लोगों को अंतिम सूची में शामिल करने योग्य माना गया। जिन लोगों के नाम सूची में नहीं है,उनमें काफी रोष है। जो लोग इस सूची से संतुष्ट नहीं है उनको असम राज्य के कोऑर्डिनेटर प्रतीक हेजल ने कहा है कि जिनके नाम इस सूची में नहीं है वे विदेशी ट्रिब्यूनल को अपील दायर कर सकते हैं। अपील दायर करने की समय सीमा 60 से 120 दिन तक बढ़ा दी गई है।इसके उपरांत भी यदि वे ट्रिब्यूनल के फैसले से संतुष्ट नहीं होते हैं तो आगे उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय जा सकते हैं।

हम आपको बता दें कि असम देश का एकमात्र राज्य है जहां नागरिक सूची लागू है।राज्य में पहली बार एनआरसी वर्ष 1951 में बनाया गया था।उस समय बने इस रजिस्टर में तब की जनगणना में शामिल सभी व्यक्तियों को राज्य का नागरिक माना गया था। इसके कुछ सालों बाद राज्य में इस सूची को अपडेट करने की मांग होती जा रही है।
तब से राज्य में सरकार ने नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीज़न्स की लिस्ट जारी करने का अभियान चलाया है।इसीलिए आजकल समाचारों में NRC शब्द  बहुत ज्यादा पढ़ने- सुनने को मिल रहा है। इस NRC लिस्ट में उन सभी भारतीय नागरिकों के नाम,पते और फोटो हैं जो 25 मार्च 1971 से पहले से असम में रह रहे हैं।असम राज्य की पहली NRC सूची के अनुसार 3.29 करोड़ लोगों में से केवल 1.9 करोड़ लोगों को भारत का वैध नागरिक माना गया था। राज्य की दूसरी लिस्ट के अनुसार असम राज्य में रहने वाले 2.89 करोड़ लोग वैध नागरिक थे। NRC का मुद्दा क्यों इतना महत्वपूर्ण बनता जा रहा है यह समझने के लिए हमें NRC संबंधी कुछ तथ्य  जानना होंगे :-

1. असम राज्य में बड़ी तादाद में बाहर से आकर लोग यहां बस गए हैं। राज्य में रह रहे इन अवैध लोगों की पहचान करने हेतु सरकार ने NRC अभियान शुरू किया है।

2. यह अभियान detect, delete और deport पर आधारित है। सबसे पहले अवैध नागरिकों की पहचान की जाए फिर उन्हें उनके देश वापस भेजा जाए।

3. असम में करीब 2 करोड़ बांग्लादेशी अवैध तरीके से रह रहे हैं। जिसके कारण वहां आर्थिक- सामाजिक समस्याएं बढ़ती जा रही है। असम में घुसपैठियों को निकालने हेतु निरन्तर 40 वर्षों से प्रयास किये जा रहे हैं। सन् 1971 में पाकिस्तान में हुए बांग्लादेश मुक्ति संघर्ष के समय उधर से काफी संख्या में पलायन करके लोग भारत आ गए। तब से ये लोग वापस अपने देश न लौट कर यहीं बस गए। इसी वजह से स्थानीय नागरिकों में रोष पनपता गया। असम में आये दिन मूल नागरिकों और घुसपैठियों के बीच हिंसक घटनाऐं  होना आम बात हो गयी है।
4. घुसपैठियों को निकालने के लिए सन् 1979 में आल असम स्टूडेंट यूनियन(AASU आसू) और असम गण परिषद ने आंदोलन शुरू किया।आंदोलन लगभग 6 साल चला।इसमें हज़ारों लोग हिंसा का शिकार हुए।

5. समस्या सुलझाने के लिए 1985 में केन्द्र सरकार और आंदोलनकारियों के बीच बातचीत हुई।तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी व स्टूडेंट यूनियन और असम गण परिषद के नेताओं ने मीटिंग की।फैसला किया गया कि 1951- 1971 के बीच आए लोगों को भारत का नागरिक माना जाएगा और 1971 के बाद आये लोगों को अपने देश लौटना होगा। लेकिन सरकार और आंदोलनकारियों में हुआ समझौता कामयाब नहीं हो पाया।

6. असम में सामाजिक- राजनीतिक तनाव लम्बे समय तक चलता रहा। 2005 में राज्य और केंद्र ने NRC लिस्ट अपडेट करने का निर्णय लिया। लेकिन इस पर अमल नहीं होने से मामला सुप्रीम कोर्ट के पास चला गया।

7. 2014 में बीजेपी ने समस्या को चुनावी मुद्दा बनाया और घुसपैठियों को निकाल बाहर करने का आश्वासन दिया।सन् 2016 में असम में पहली बार बीजेपी की सरकार बनी और बांग्लादेशियों को हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई।

8. 2015 से 2018 तक पिछले तीन वर्षों में राज्य के 3.29 करोड़ लोगों ने नागरिकता साबित करने के लिए दस्तावेज पेश किये। इसमें लोगों से 14 प्रकार के प्रमाणपत्र सबूत के रूप में मांगे गए थे कि उनका परिवार 1971 से पहले राज्य का मूल निवासी है।

9. हज़ारों कर्मचारियों ने घर- घर जाकर जाँच-
पड़ताल की। सन् 2017 में राज्य सरकार ने NRC की पहली सूची जारी की। सूची जारी होते ही लोगों में हड़कंप मच गया।

10. बांग्लादेशी घुसपैठियों का यह मसला पुरे देश में विवाद- विवाद का कारण बनता जा रहा है।बीजेपी के लिए यह काफी मायने रखता है। एक तरफ कांग्रेस इस मामले पर नरम दृष्टिकोण रखती है वहीं बीजेपी सख्त।

शनिवार, 8 जून 2019

Full form of NDA in Hindi

NDA का अर्थ है: नेशनल डेमोक्रेटिक अलाइंस National Democratic Alliance

1998 में भारतीय जनता पार्टी की 38 सहयोगी पार्टियों को मिला कर NDA बना। सबसे पहले 1998 में श्री अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में NDA सरकार बनी। लेकिन यह केवल 13 माह तक ही चल पाई। 1999 में व 2014 मेंं एनडीए सरकार ने अपना कार्यकाल पूूूरा किया । अभी 2019 के आम चुनाव में BJP को भारी बहुमत मिला और BJP विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक दल बन गया। BJP ने अपने सभी 38 सहयोगी दलों के साथ  मिलकर केंद्र में सरकार बनाई।

NDA के घटक दल  :-

NDA के सहयोगी दलों की सूची नीचे दी जा रही है :

1. शिवसेना
2. लोक जन शक्ति पार्टी- लोजपा
3. अकाली दल
4.जनता दल यूनाइटेड- जदयू
5.आल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम-AIADMK
6.देसिया मुरपोक्कु द्रविड़ कषगम- डीएमडीके
7. अपना दल एस
8. पट्टालि मक्कल काची
9. रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (रामदास अठावले )
10. बोडालैंड पीपुल्स फ्रंट (असम )
11. नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी(नागालैंड )
12. MNF मिज़ो नेशनल फ्रंट
13. JSS
14. राष्ट्रीय समाज पार्टी
15. शिव संग्राम
16. महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी
17. आल इंडिया N R कांग्रेस
18. इंडिजिन्स पीपुल्स फ्रंट ओ त्रिपुरा
19. MPP
20. KPP
21. JKPF
22. यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी
23. HSPDP
24. केरल कांग्रेस (थॉमस )
25. भारत धर्म जनसेना -केरल
26. PSP
27. JRS
28. KVC
29. PNP
30. केरल कांग्रेस एन
31. PDF
32. असम गण परिषद
33. SBSP
34. आल इंडिया झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन
35. गोआ फॉरवर्ड पार्टी
36. GVP
37. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी
38. KPJP
अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी के समय के NDA के सहयोगी दल अब अस्तित्व में भी नहीं है। असल NDA और आज के NDA के सहयोगी दलों की सूची में बहुत अंतर है।

नोटा का फुल फॉर्म

NOTA बटन का लोगो
नोटा शब्द का अर्थ है : None Of The Above
"नन ऑफ़ द अबोव" यानि कि "इनमें से कोई नहीं"

आजकल चुनाव में राजनीतिक दल के उम्मीदवारों के अलावा वोटर को एक और विकल्प उपलब्ध कराया गया है NOTA नोटा। नोटा मतलब "इनमें से कोई नहीं"। जब चुनाव लड़ रहे विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवारों में से कोई भी उम्मीदवार वोटर को पसंद नहीं आता है ,उस स्थिति में वोटर नोटा बटन का इस्तेमाल कर सकता है।
नोटा का उपयोग सबसे पहले 2009 में किया गया। स्थानीय निकाय चुनाव में  मतदाताओं को नोटा विकल्प उपलब्ध कराने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बना। इसके बाद एक NGO "पीपल यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज" नोटा के समर्थन में  सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की। जिस  पर सन् 2013 में चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन EVM में नोटा बटन लगाने के आदेश दिए। फिर सन् 2013 मेंं नोटा बटन को  पूरे देेेश में लागू हुुुआ।
  मशीन में NOTA का बटन गुलाबी रंग का होता है।

वोटों की गिनती के समय नोटा को मिले वोटों को भी गिना जाता है। नोटा को मिले वोटों को निरस्त वोट की श्रेणी में रखा जाता है।

नोटा बटन की जरूरत क्यों पड़ी ?

जब नोटा सुविधा नहीं थी तब वोटर चुनाव में खड़े उम्मीदवारों से निराश हो कर मतदान नहीं करके अपना गुस्सा प्रकट करता था। लेकिन जब वोटों की गिनती होती थी तो सर्वाधिक वोट पाने वाला उम्मीदवार विजयी बन जाता था। इस तरह वोट न देने वाले मतदाता का गुस्सा ओर वोट दोनों बेकार हो जाते थे। इसके समाधान के लिए नोटा बटन का विकल्प शामिल किया गया।
 यदि नोटा को सर्वाधिक मत पाने वाले उम्मीदवार से अधिक मत मिल जाते हैं तो भी वही उम्मीदवार विजयी माना जायेगा।लोकसभा, विधानसभा ओर नगर निकाय चुनावों में नोटा का प्रयोग लगातार बढ़ता जा रहा है। लेकिन चुनाव परिणाम पर इसका प्रभाव न होने से कई देशों ने इसको हटा दिया। रूस ने 2006 में नोटा को हटा दिया। पाकिस्तान में भी पहले नोटा का प्रावधान था पर 2013 के बाद इसे हटा दिया गया।
जानकारों के अनुसार जनप्रतिनिधत्व कानून1951 में संशोधन करके यह प्रावधान किया जाय कि यदि किसी चुनाव में नोटा को बहुमत मिलता है तो चुनाव रद्द करने के साथ अन्य उम्मीदवारों को कुछ वर्ष तक चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया जाये।

भारत, ग्रीस, यूक्रेन, स्पेन और कोलंबिया में नोटा व्यवस्था मौजूद है।

बुधवार, 30 जनवरी 2019

Full form of MICR-in Hindi

 



MICR का पूरा नाम है- Magnatic Inc Character Recognition
MICR कोड का प्रयोग बैंकिंग संस्थाओं द्वारा अपने चैकों को अधिक सुरक्षित बनाने की दृष्टि से किया जाता है। आजकल बैंक माइकर चैकों को क्लियरिंग द्वारा तुरन्त प्रोसेस कर 
 ग्राहक के खाते में जमा कर देती है।
आपने देखा होगा कि बैंक के चैक पर नीचे श्वेत पट्टी पर चैक संख्या के अलावा कुछ दूसरे चिन्ह और संख्याएँ भी लिखी रहती है। ये संख्याएं विशेष प्रकार की चुम्बकीय स्याही जो आयरन ऑक्साइड से बनती है, से चैक पर छापे जाते हैं। इनको एक ख़ास मशीन "CTS मशीन"द्वारा ही पढ़ा जा सकता है।
 यदि चैक पर स्टाम्प मोहर या स्याही आदि लगने से ये चिह्न ढँक जाते हैं तो भी मशीन इन्हें पढ़ लेती है। MICR संख्या के आधार पर चैकों की छंटाई का काम आसान हो जाता है।
MICR का चलन सन् 1980 से शुरू हुआ। MICR कोड में 9 संख्या होती है।
पहली तीन संख्या किसी विशेष शहर को दर्शाती हैं। ये तीन संख्या उस शहर के पिन कोड के पहले तीन अंक होते हैं। जैसे मुम्बई के पिन कोड के पहले तीन अंक 452 हैं। तो  किसी बैंक की मुम्बई स्थित शाखा के चेक के MICR कोड के पहले तीन अंक होंगे- 452.

MICR कोड के अगले तीन अंक से बैंक का नाम पता चलता है। भारत में प्रत्येक बैंक को एक विशेष अंक प्रदान किया गया है, जैसे SBI का अंक है-002
अतः SBI के चेकों पर MICR कोड के  चौथे, पांचवे और छठे अंक होंगे- 002
 MICR code ऑनलाइन ट्रांसेक्शन का एक मुख्य हिस्सा है। चूंकि सभी bank branch को एक unique MICR code नं दिया जाता है। यह नं बैंक की विशेष शाखा को पहचानने में RBI की मदद करता है। जिससे clearing process और अन्य  ऑनलाइन ट्रांसफर द्वारा लेन-देन के ट्रांसेक्शन को शीघ्र निपटाने में आसानी होती है।

रविवार, 6 जनवरी 2019

Full form of some technology related words

आज किसी शिक्षित व्यक्ति का टेक्नोलॉजी के बिना जीना सम्भव नहीं है।मोबाइल और इंटरनेट तो क्या शिक्षित,क्या अशिक्षित सभी के जीवन का अभिन्न अंग बनते जा रहे हैं।
इसी वजह से पिछले दो-तीन दशकों में हम सब आम बोलचाल की भाषा में अंग्रेजी के बहुत सारे टेक्नोलॉजिकल शब्द प्रयोग करने लगे हैं। हो सकता है, इन शब्दों के फुल फॉर्म्स आपको मालूम हो लेकिन यदि आपको पता न हो तो नीचे दी गयी सूची में हम कुछ शब्दों के फुल फॉर्म दे रहे हैं।इन्हें जरूर पढ़िए:-

CDMA - Code Division Multiple Access

GOOGLE - Global Organization of Oriented Group Language of Earth

GSM - Global System for Mobile  communication

JPEG - Joint Photographic Expert Group

LCD - Liquid Crystal Display

MMS - Multimedia Messaging Service

OTP - One Time Password

PDF - Portable Document Formet

PNG - Portable Network Graphics

SIM - Subscriber Identity Module

SMS - Short Message Service

WI-FI - Wireless Fidelity

YAHOO - Yet Another Hierarchical Officious Oracle

तो ये थे अंग्रेजी के वो शब्द जिनके फुलफॉर्म ज्यादातर लोगों को पता नहीं होते. इसलिए आज हमने उनके फुलफार्म बताने के बारे में सोचा जिससे अगली बार आप इन शब्दों का इस्तेमाल करते वक्त यह समझ जाएं कि इसका असल मतलब क्या है.