MFN - Most Favoured Nation
MFN का अर्थ है - अति महत्वपूर्ण देश
- वरीयता प्राप्त देश
अमेरिका में MFN को Permanent normal trade relations के नाम से जाना जाता है।
MFN का उपरोक्त अर्थ केवल व्यापारिक सम्बन्धों तक के सन्दर्भ में सीमित है।
कोई देश किसी अन्य देश को जब MFN का दर्जा देता है तो इसका अर्थ है कि MFN दर्जा प्राप्त देश और उस देश के साथ व्यापारिक सम्बन्ध काफी सुदृढ़ हैं। MFN दर्ज प्राप्त देश को अन्य देशों के मुकाबले अधिक निर्यात कोटा व आयात शुल्क में छूट का लाभ मिलता है। वह देश दूसरे देशों की तुलना में ज्यादा कारोबारी छुट हासिल करता है उसे कई प्रकार की व्यापारिक रियायतें मिलने से वह अधिक निर्यात ऑर्डर प्राप्त करने में सफल हो जाता है। WTO के सभी सदस्य देशों को मुक्त व्यापार एवं बाजार से सम्बंधित नियमों का पालन करना जरूरी होता है पर MFN नियमों के अंतर्गत कुछ देशों को विशेष छूट दी जा सकती है।
भारत ने WTO बनने के एक वर्ष बाद सन् 1996 में पड़ोसी देश पाकिस्तान को MFN का दर्जा दिया था। जिसके अंतर्गत पाकिस्तान अनाज,सब्जियां,फल,लौह अयस्क,तैयार चमड़ा व कई दूसरी सामग्री कम आयत शुल्क पर भारत को भेजता था।भारत भी पाकिस्तान को खाद्य और दूसरी सामग्री कई प्रकार की ड्यूटी में छूट देकर निर्यात करता था।
पहले 15 सितम्बर 2016 को जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले के बाद भारत में यह मांग उठी थी कि पाकिस्तान से MFN दर्जा छीन लिया जाय। अब फिर 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले के बाद भारत ने कठोर कदम उठाते हुए पाकिस्तान से MFN का दर्जा छीन लिया है। जिससे अब भारत ने पाकिस्तान द्वारा निर्यातित सामान पर सीमा शुल्क बढ़ा कर 200% कर दिया है।
(दिनांक 16-02-2019 को अंतिम बार अपडेट किया गया)
MFN का अर्थ है - अति महत्वपूर्ण देश
- वरीयता प्राप्त देश
अमेरिका में MFN को Permanent normal trade relations के नाम से जाना जाता है।
MFN का उपरोक्त अर्थ केवल व्यापारिक सम्बन्धों तक के सन्दर्भ में सीमित है।
कोई देश किसी अन्य देश को जब MFN का दर्जा देता है तो इसका अर्थ है कि MFN दर्जा प्राप्त देश और उस देश के साथ व्यापारिक सम्बन्ध काफी सुदृढ़ हैं। MFN दर्ज प्राप्त देश को अन्य देशों के मुकाबले अधिक निर्यात कोटा व आयात शुल्क में छूट का लाभ मिलता है। वह देश दूसरे देशों की तुलना में ज्यादा कारोबारी छुट हासिल करता है उसे कई प्रकार की व्यापारिक रियायतें मिलने से वह अधिक निर्यात ऑर्डर प्राप्त करने में सफल हो जाता है। WTO के सभी सदस्य देशों को मुक्त व्यापार एवं बाजार से सम्बंधित नियमों का पालन करना जरूरी होता है पर MFN नियमों के अंतर्गत कुछ देशों को विशेष छूट दी जा सकती है।
भारत ने WTO बनने के एक वर्ष बाद सन् 1996 में पड़ोसी देश पाकिस्तान को MFN का दर्जा दिया था। जिसके अंतर्गत पाकिस्तान अनाज,सब्जियां,फल,लौह अयस्क,तैयार चमड़ा व कई दूसरी सामग्री कम आयत शुल्क पर भारत को भेजता था।भारत भी पाकिस्तान को खाद्य और दूसरी सामग्री कई प्रकार की ड्यूटी में छूट देकर निर्यात करता था।
पहले 15 सितम्बर 2016 को जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले के बाद भारत में यह मांग उठी थी कि पाकिस्तान से MFN दर्जा छीन लिया जाय। अब फिर 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले के बाद भारत ने कठोर कदम उठाते हुए पाकिस्तान से MFN का दर्जा छीन लिया है। जिससे अब भारत ने पाकिस्तान द्वारा निर्यातित सामान पर सीमा शुल्क बढ़ा कर 200% कर दिया है।
(दिनांक 16-02-2019 को अंतिम बार अपडेट किया गया)