NABARD का फुल फॉर्म National Bank for Agriculture and Rural Development है। हिंदी में इसे "राष्ट्रीय ग्रामीण एवं कृषि विकास बैंक" कहा जाता है।
नाबार्ड की स्थापना 1981 में बनाई गई शिवरामन समिति की सिफारिश के आधार पर 22 जुलाई 1982 को 100 करोड़ रुपये की प्रदत्त यानि पेड अप पूंजी के साथ की गयी थी। सन् 2010 में नाबार्ड की प्रदत्त पूंजी 2000 करोड़ रूपये थी।
नाबार्ड कृषि व ग्रामीण विकास से जुडी संस्थाओं को ऋण प्रदान करने वाली एक शीर्ष संस्था है। ऋण देने के लिए नाबार्ड को भारत सरकार, विश्व बैंक और दूसरी अन्य एजेंसी से समय समय पर वित्त उपलब्ध करवाया जाता है। नाबार्ड दूसरे सरकारी बैंक व क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को भी ऋण प्रदान करती है ताकि ये बैंक कृषि,लघु उद्योग, कुटीर एवं ग्रामोद्योग तथा हस्तशिल्प आदि को ऋण उपलब्ध करा सके।
दिनांक 27 मई 2020 को श्री जी आर चिंतल को NABARD का चैयरमेन नियुक्त किया गया है। इससे पूर्व डॉ हर्ष कुमार भनवाल इस पद पर 6 वर्ष से कार्यरत थे।
NABARD की स्थापना कब हुई थी ?
नाबार्ड की स्थापना 1981 में बनाई गई शिवरामन समिति की सिफारिश के आधार पर 22 जुलाई 1982 को 100 करोड़ रुपये की प्रदत्त यानि पेड अप पूंजी के साथ की गयी थी। सन् 2010 में नाबार्ड की प्रदत्त पूंजी 2000 करोड़ रूपये थी।
नाबार्ड कृषि व ग्रामीण विकास से जुडी संस्थाओं को ऋण प्रदान करने वाली एक शीर्ष संस्था है। ऋण देने के लिए नाबार्ड को भारत सरकार, विश्व बैंक और दूसरी अन्य एजेंसी से समय समय पर वित्त उपलब्ध करवाया जाता है। नाबार्ड दूसरे सरकारी बैंक व क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को भी ऋण प्रदान करती है ताकि ये बैंक कृषि,लघु उद्योग, कुटीर एवं ग्रामोद्योग तथा हस्तशिल्प आदि को ऋण उपलब्ध करा सके।
NABARD के चैयरमेन कौन हैं ?
दिनांक 27 मई 2020 को श्री जी आर चिंतल को NABARD का चैयरमेन नियुक्त किया गया है। इससे पूर्व डॉ हर्ष कुमार भनवाल इस पद पर 6 वर्ष से कार्यरत थे।
NABARD के कार्यालय कहां-कहां पर हैं ?
नाबार्ड का मुख्य कार्यालय मुम्बई में स्थित है। यह अपने 28 क्षेत्रीय कार्यालय जो सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित हैं, के माध्यम से देश भर में वित्त पोषण के साथ -साथ फसल खरीद का कार्य करती है।
नाबार्ड का एक उप कार्यालय पोर्ट ब्लेयर में भी है। इसके अतिरिक्त 336 जिला कार्यालय की सहायता से यह देश के प्रत्येक हिस्से में अपनी उपस्थिति बनाये हुए है।