बुधवार, 30 जनवरी 2019

Full form of MICR-in Hindi

 



MICR का पूरा नाम है- Magnatic Inc Character Recognition
MICR कोड का प्रयोग बैंकिंग संस्थाओं द्वारा अपने चैकों को अधिक सुरक्षित बनाने की दृष्टि से किया जाता है। आजकल बैंक माइकर चैकों को क्लियरिंग द्वारा तुरन्त प्रोसेस कर 
 ग्राहक के खाते में जमा कर देती है।
आपने देखा होगा कि बैंक के चैक पर नीचे श्वेत पट्टी पर चैक संख्या के अलावा कुछ दूसरे चिन्ह और संख्याएँ भी लिखी रहती है। ये संख्याएं विशेष प्रकार की चुम्बकीय स्याही जो आयरन ऑक्साइड से बनती है, से चैक पर छापे जाते हैं। इनको एक ख़ास मशीन "CTS मशीन"द्वारा ही पढ़ा जा सकता है।
 यदि चैक पर स्टाम्प मोहर या स्याही आदि लगने से ये चिह्न ढँक जाते हैं तो भी मशीन इन्हें पढ़ लेती है। MICR संख्या के आधार पर चैकों की छंटाई का काम आसान हो जाता है।
MICR का चलन सन् 1980 से शुरू हुआ। MICR कोड में 9 संख्या होती है।
पहली तीन संख्या किसी विशेष शहर को दर्शाती हैं। ये तीन संख्या उस शहर के पिन कोड के पहले तीन अंक होते हैं। जैसे मुम्बई के पिन कोड के पहले तीन अंक 452 हैं। तो  किसी बैंक की मुम्बई स्थित शाखा के चेक के MICR कोड के पहले तीन अंक होंगे- 452.

MICR कोड के अगले तीन अंक से बैंक का नाम पता चलता है। भारत में प्रत्येक बैंक को एक विशेष अंक प्रदान किया गया है, जैसे SBI का अंक है-002
अतः SBI के चेकों पर MICR कोड के  चौथे, पांचवे और छठे अंक होंगे- 002
 MICR code ऑनलाइन ट्रांसेक्शन का एक मुख्य हिस्सा है। चूंकि सभी bank branch को एक unique MICR code नं दिया जाता है। यह नं बैंक की विशेष शाखा को पहचानने में RBI की मदद करता है। जिससे clearing process और अन्य  ऑनलाइन ट्रांसफर द्वारा लेन-देन के ट्रांसेक्शन को शीघ्र निपटाने में आसानी होती है।

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