रविवार, 14 नवंबर 2021

Full form of CBI in hindi

CBI का फुल फॉर्म है- Central Beuearu of Investigation। हिंदी में इसे "केंद्रीय जाँच ब्यूरो" कहा जाता है।
                               CBI का लोगो

सीबीआई एक पुलिस संस्था है जिसका काम किसी ऐसे जटिल केस को सुलझाना है जो पुलिस द्वारा नहीं सुलझाया जा सकता हो।
CBI की स्थापना सन् 1941 में भारतीय पुलिस की सहायता के लिए की गयी थी। इसका मुख्य कार्यालय दिल्ली है।
CBI को किसी भी जटिल केस की जांच हेतु सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आवश्यकता होती है। एक बार सीबीआई के पास किसी मामले की जांच का आदेश प्राप्त हो जाता है तो फिर इसे पुरे देश में छानबीन के लिए जाने की छूट मिल जाती है और एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए इसे किसी तरह की कोई अनुमति नहीं लेना पड़ती है।
CBI में कर्मचारियों की भर्ती SSC CGL (Staaf Selection Commission) द्वारा आयोजित परीक्षा के माध्यम से की जाती है।
सीबीआई का काम यूनाइटेड स्टेटस की संस्था FBI  (Federal Bureau of Investigation) की ही तरह है लेकिन FBI को ज्यादा अधिकार प्राप्त हैं, CBI के मुकाबले।

CBI के निदेशक का कार्यकाल कितने समय के लिए होता है ?

CBI के निदेशक का कार्यकाल दो साल के लिए निर्धारित किया गया था लेकिन 14 नवम्बर 2021 को जारी एक संसदीय अध्यादेश के अनुसार अब CBI के निदेशक का कार्यकाल पांच साल का होगा।


CBI किस प्रकार से केस की जांच करती है ?

सीबीआई का केस की तहकीकात का तरीका पुलिस की जांच करने के तरीके से बहुत अलग होता है। CBI पूछताछ के दौरान आरोपी से किसी तरह की मारपीट नहीं करती।बल्कि इसकी जांच का फोकस बयान और सवाल पर होता है। आरोपी के साथ 2 अधिकारी मौजूद रहते हैं। अगर आरोपी महिला है और उससे पूछताछ हो रही है, तो वहां पर महिला अधिकारी के साथ जांच अधिकारी मौजूद रहता है। एक अधिकारी सवाल पूछता है और दूसरा अधिकारी उसके बयान को लिखता है। बयान लिखने के बाद आरोपी को दिखाया जाता है और फिर उसके हस्ताक्षर लिए जाते हैं।

Full form of ED in Hindi


पिछले कुछ वर्षों में कई हाई प्रोफाइल मामलों की जांच होने के सिलसिले में ED का नाम अक्सर मिडिया में आता रहता है। VVIP हेलिकॉप्टर मामला, रॉबर्ट वाड्रा का विदेशी सम्पत्ति मामला, वित्त मंत्री पी चिदम्बरम और उनके पुत्र कार्ति के खिलाफ INX मिडिया केस में बेहिसाब संपत्ति रखने का मामला,विजय माल्या व नीरव मोदी के धन-शोधन (money laundering) मामले की जांच ED द्वारा ही की जा रही है।

 ED का अंग्रेजी में पूरा नाम है:- Directorate of Enforcement या Directorate General of Economic Enforcement. हिन्दी में इसे प्रवर्तन निदेशालय के नाम से जाना जाता है।
प्रवर्तन निदेशालय की स्थापना 1 मई 1956 को की गई थी और यह केंद्रीय राजस्व विभाग एवं वित्त मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। इसका मुख्यालय दिल्ली है। ED में सभी उच्च अधिकारियों की पदस्थापना अनिवार्यतः IAS, IPS या IRS रैंक के अधिकारियों में से ही की जाती है।

 ED के मुख्य कार्य हैं :-
1. विदेशी विनिमय प्रबन्धन अधिनियम foreign Exchange Management Act 1999 (FEMA) के अंतर्गत विदेशी मुद्रा विनिमय विधियों व नियमों के उल्लंघन की जांच करने के साथ-साथ आरोपियों को दंड देने का अधिकार भी ED के पास है।
2. भारत में आर्थिक अपराध एवं आर्थिक नियमों को लागू करना, काला धन जब्त करने में पुलिस की सहायता करना।
3. Prevention of  Money Laundering Act PMLA 2002 धन शोधन निवारण अधिनियम के अंतर्गत आपराधिक गतिविधियों से अर्जित संपत्ति का पता लगाने हेतु जांच करना व उसके उपरांत उन संपत्तियों को जब्त करने/ कुर्क करने और धन शोधन में लिप्त अपराधियों पर मुकदमा चलाने का अधिकार भी ED के पास है।
पहले धन-शोधन की रोकथाम से जुड़े मौजूदा प्रावधानों के तहत जब्त या कुर्क की गई परिसंपत्तियों की वैध अवधि 90 दिन थी।लेकिन 1 फरवरी 2019 को पेश 2019-20 के अंतरिम बजट में इस अवधि को बढ़ाकर 365 दिन कर दिया गया है। सरकार के इस फैसले से ईडी जाँच एजेंसी को सबूत इकट्ठा करने और आर्थिक अपराधी का जुर्म साबित करने के लिए ज्यादा समय मिलेगा।

ED के उच्चतम अधिकारी को प्रवर्तन निदेशक कहते हैं। ED के 5 मुख्य कार्यालय हैं : मुम्बई,चेन्नई,चंडीगढ़ कोलकाता व दिल्ली।
ED के 16 क्षेत्रीय कार्यालय हैं : अहमदाबाद,बेंगलुरु, चंडीगढ़,चेन्नई,कोच्चि,दिल्ली,पणजी,गुवाहाटी, हैदराबाद,जयपुर,जालंधर,कोलकाता,लखनऊ,मुंबई, पटना और श्रीनगर। क्षेत्रीय कार्यालय प्रमुख को संयुक्त निदेशक कहा जाता है।
ED के 11 उप क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं : भुबनेश्वर, कोजीकोड,इंदौर,मदुरै,नागपुर, प्रयागराज,रायपुर, देहरादून, रांची, सूरत व शिमला।इनके प्रमुख अधिकारी को उप-निदेशक कहा जाता है।

ED के मुख्य निदेशक कौन हैं ?

 अभी ED के मुख्य निदेशक एस के मिश्रा हैं। इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा 19 नवम्बर 2018 को की गई थी।

ईडी के निदेशक का कार्यकाल कितनी अवधि का होता है ?


केंद्रीय सतर्कता आयोग  एक्ट 2003 के अनुसार ईडी के निदेशक का कार्यकाल दो साल का होता था पर 14 नवम्बर 2021 को केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) 2021 नामक अध्यादेश जारी हुआ है। इसके बाद अब ईडी के निदेशक का कार्यकाल पांच साल हो जाएगा। ईडी के निदेशक को कुछ अपवाद छोड़कर पद से नहीं हटाया जा सकता है।
 

उम्मीद है, आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी। यदि आप CAG का फुल फॉर्म और इसके बारे में जानना चाहते हैं तो नीचे दिए लिंक को कॉपी करिए -
https://togetfullforms.blogspot.com/2019/02/cag-full-form-in-hindi.html


शुक्रवार, 16 अप्रैल 2021

Full form of RAW in Hindi

 


RAW भारत की अंतरराष्ट्रीय गुप्तचर संस्था है। RAW को हिंदी में "रॉ" के नाम से पुकारा जाता है। 

RAW का फुल फॉर्म है- Research and Analysis Wing हिंदी में जिसे  "अनुसंधान एवं विश्लेषण संस्था" नाम से जाना जाता है।

RAW रॉ का ध्येय वाक्य -

रॉ का ध्येय वाक्य है - "धर्मो रक्षति रक्षितः"

धर्म की रक्षा करो। धर्म तुम्हारी रक्षा करेगा।

यह वाक्य मनुस्मृति से लिया गया है।

RAW का काम इससे पहले इन्टेलिजेनंस ब्यूरो IB यही काम करती थी लेकिन 1962 में भारत-चीन और फिर 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में वह ठीक से कार्य नहीं कर पाई तब तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरूजी ने अलग खुफिया विभाग बनाने का सुझाव दिया। 


                            रामेश्वर नाथ काव

सन् 1968 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस प्रयास को हकीकत में बदलने का काम किया। इन्टेलिजेनंस ब्यूरो के उप निदेशक श्री रामेश्वर नाथ काव ने एक विस्तृत रूपरेखा प्रधानमंत्री के समक्ष रखी। और  21 सितंबर 1968 को श्री काव को RAW का प्रथम निदेशक बनाया गया।

रॉ की अहम  खुफिया जानकारी  - 

सन् 1984 में पाकिस्तान ने सियाचिन क्षेत्र में साल्टोरो रिज पर कब्जा करने की योजना बनाई जिसे उसने नाम दिया "आपरेशन अबाबील"। लेकिन रॉ की गुप्त सूचना के सहारे भारतीय सेना सतर्क हो गई। और भारत की सेना ने "ऑपरेशन मेघदूत" से पाकिस्तान को सियाचिन क्षेत्र से खदेड़ दिया।

 रॉ का मुख्य कार्यालय दिल्ली में है व अभी रॉ प्रमुख श्री सामन्त गोयल हैं जो पंजाब केडर के आईपीएस ऑफिसर रह चुके हैं।

कुछ वर्षों पहले तक RAW में अधिकारियों का चुनाव सेना और आईपीएस अधिकारियों में से किया जाता था लेकिन अब कॉलेज व विश्वविद्यालयों से भी सीधे ही इनका सिलेक्शन करते हैं।

RAW का  सम्पूर्ण विभाग प्रधानमंत्री के अधीन होता है और RAW सीधे प्रधानमंत्री के प्रति जवाबदेह होता है।


बुधवार, 3 फ़रवरी 2021

Full form of CTS in hindi


CTS - Cheque Truncation System


वास्तव में CTS, बैंक के चेक क्लीयरिंग प्रणाली का एक नया बेहतर और अधिक सुरक्षित तरीका है। CTS का
 फुल फॉर्म है - Cheque Truncation System.
जब CTS सिस्टम नहीं शुरू हुआ था, तब चेकों की क्लियरिंग के लिए क्लियरिंग हाउस हुआ करते थे। पुरे भारत में अनेकों स्थान पर  ऐसे क्लियरिंग हाउस थे,जहां स्थानीय बैंक के प्रतिनिधि  एकत्रित हो कर चेकों का आदान- प्रदान  करके  चेक क्लियरिंग किया करते थे।
इस प्रक्रिया में चेक की राशि एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर होने में काफी समय लग जाता था। अब CTS के माध्यम से चेक क्लियर होने में समय की बचत और फ्रॉड होने की संभावना में काफी हद तक कमी आ गई है। CTS में चेक एक बैंक से दूसरे बैंक में फिजिकली रूप से न भेजकर केवल चेक की इमेज इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से एक बैंक से दूसरे बैंक को भेजी जाती है और फिजिकल चेक संग्रहकर्ता बैंक के पास सुरक्षित रखे रहते हैं। CTS द्वारा चेकों का क्लीयरिंग करने वाली प्रत्येक बैंक के पास एक CTS मशीन होती है। क्लीयरिंग के लिए प्राप्त चेकों को उस मशीन में डाला जाता है। मशीन चेक पर प्रिंट किया MICR CODE पढ़ती है। MICR CODE के आधार पर मशीन चेक  की इमेज को बैंक से संबद्ध जोन में प्रेषित करती है जहां उसे प्रोसेस कर भुगतान हेतु पास किया जाता है। 
तो इस तरह नई तकनीक के द्वारा चेक का भुगतान बैंक के ग्राहकों को तुरंत मिल जाता है।

शनिवार, 2 जनवरी 2021

Full form of PIN code in Hindi


हम लोग भारत में जो भी डाक पोस्ट ऑफिस के माध्यम से प्राप्त करते हैं या कोई पत्र,पार्सल और रजिस्ट्री आदि डाक द्वारा अन्य स्थान पर भेजते हैं,तो  डाक पर पते के साथ शहर का नाम और 6 अंकों वाला एक नम्बर जरूर लिखते हैं।इस 6 अंकों वाले नम्बर को ही PIN Code (पिन कोड) कहा जाता है। PIN Code पोस्टल इंडेक्स नंबर (पिन) का संक्षिप्त नाम है।
PIN Code छः अंकों की नम्बर प्रणाली है जो भारतीय डाक विभाग द्वारा प्रयोग की जाती है।
भारत में डाक वितरण करने वाले अनेक डाक घर हैं। डाक घरों को बहुत ज्यादा संख्या में प्रतिदिन डाक प्राप्त होती है। डाक की छंटाई में आसानी हो इसके लिए 5 अगस्त 1972 को पिन कोड की शुरुआत की गई। देश के प्रत्येक डाक घर को एक विशिष्ठ नम्बर या कोड आवंटित किया गया है। पिन कोड प्रणाली लागू करने हेतु सम्पूर्ण भारत को 8 भौगोलिक क्षेत्र में बांटा गया है। नवां क्षेत्र आर्मी पोस्टल क्षेत्र है।
पिन कोड के छः अंकों में से पहला अंक किसी विशेष राज्य या क्षेत्र को दर्शाता है। दूसरा अंक उपक्षेत्र या पोस्टल सर्कल को बताता है। तीसरा अंक राज्य के जिले को इंगित करता है। अंतिम तीन अंक उस विशेष पोस्ट ऑफिस को दर्शाता है जहां पत्र का वितरण होना है। नीचे विभिन्न राज्यों के PIN CODE इंगित करता हुआ भारत का नक्शा दिया गया है।


यहां एक तालिका दी गयी है जिसमें 1 से 8 तक नम्बर से सम्बंधित क्षेत्र और राज्य दर्शाये गए हैं।
1.उत्तरी दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश।
2.उत्तरी उत्तर प्रदेश,और उत्तराखंड।
3. पश्चिमी राजस्थान और गुजरात।
4. पश्चिमी छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मप्र।
5. दक्षिणी आंध्र प्रदेश और कर्नाटक।
6. दक्षिणी केरल एवं तमिलनाडु।
7. पूर्वी प. बंगाल और ओडिशा।
8. पूर्वी बिहार और झारखण्ड।
9. आर्मी पोस्टल सेवा।

राज्यों के पिन कोड 

अब हम पिन कोड के शुरू के दो नंबरों के बारे में जानते हैं। 11 नंबर दिल्ली का है, 12-13 हरियाणा, 14-16 पंजाब, 17 हिमाचल प्रदेश, 18 और 19 जम्मू और काश्मीर, 20-28 उत्तर प्रदेश और उत्तरांचल के लिए, 30-34 राजस्थान, 36-39 गुजरात, 40-44 महाराष्ट्र, 45-49 मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़, 50-53 आंध्र प्रदेश, 56-59 कर्नाटक, 60-64 तमिलनाड़ु, 67-69 केरल, 70-74 बंगाल, 75-77 ओडिशा, 78 असम, 79 नॉर्थ ईस्टर्न इलाके, 80-85 बिहार और झारखंड, 90-99 आर्मी पोस्टल सर्विसेज।

पिन कोड के अगले 3 डिजिट उस क्षेत्र की जानकारी देते हैं जहां आपका सामान पहुंचना है। इसका मतलब है उस ऑफिस में जहां आपका सामान जाएगा। एक बार आपका सामान सही पोस्ट ऑफिस तक पहुंच गया तो वहां से यह आपके घर तक पहुंचाया जाता है।

आज के जमाने में सभी लोग ई मेल से पत्र व्यवहार करते हैं इसलिए चिट्ठी का महत्व कम हो गया है और उसके साथ ही पिन कोड का भी। पर फिर भी पिन कोड तो सदा ही अस्तित्व में रहेगा।



गुरुवार, 10 दिसंबर 2020

Full form of NOIDA in Hindi

 

NOIDA का फुल फॉर्म है - New Okhla Industrial Development Authority जिसे हम हिंदी में नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण कह सकते हैं।
नोएडा का निर्माण 1975- 1976 में आपातकाल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के पुत्र संजय गांधी द्वारा करवाया गया था। बाद में 17 अप्रेल 1976 को नोएडा विधिवत रूप से अस्तित्व में लाया गया। इसीलिए 17 अप्रैल नोएडा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
नोएडा उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में स्थित है।दिल्ली से नोएडा की दूरी महज 20 किलो मीटर है।इसके अलावा नोएडा यमुना और हिंडन दोनों नदियों से लगा हुआ है। नोएडा का 50% क्षेत्र  हरे- भरे क्षेत्र अर्थात ग्रीन कवर के अंतर्गत आता है। इसलिए नोएडा को भारत के सबसे अधिक हरे- भरे शहर का दर्जा प्राप्त है और इसे "ग्रीनोसिटी" भी कहा जाता है।
2011 की जनसँख्या के मान से नोएडा की जनसँख्या 6,42,381 है।  वर्तमान में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री महेश शर्मा नोएडा के सांसद हैं। और केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथसिंह के पुत्र पंकज सिंह बीजेपी  विधायक हैं।
नोएडा में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कई बड़ी कंपनियों के ऑफिस हैं। जिस वजह सेे यहां देश-विदेश से बड़ी मात्रा में लोग आते-जााते रहते हैं।
 

नोएडा में एक बड़ी संख्या कामकाजी महिलाओं की है। जिन्हें देर रात और सुबह जल्दी घर से बाहर आना-जाना पड़ता है। इनकी सुरक्षा के लिए दिल्ली सरकार ने सन् 2016 में यहां "गुलाबी ऑटो सेवा" Pink Auto Service लॉन्च की थी।  गुलाबी ऑटो या कम-से कम गुलाबी रंग के हुड वाले इन ऑटो रिक्शा में महिला यात्रियों की सहायता के लिए जीपीएस, महिला हेल्प लाइन नं 1090, पुलिस कंट्रोल नं 100, ड्राइवर का नाम,पता,फोन नं आदि गुलाबी ऑटो पर लिखा रहेगा।

नोएडा में विश्वविद्यालय (यूनिवर्सिटीज)


गौतम बुद्ध यूनीवर्सिटी
नोएडा इण्टरनेशनल यूनीवर्सिटी
शारदा यूनीवर्सिटी
शिवनाडार यूनीवर्सिटी
गलगोटिया यूनीवर्सिटी

नोएडा के आकर्षण केंद्र 


नोएडा में मुख्य स्थान जो देखने लायक है और आप इनमें दूसरी जगहों से कुछ विशेष बात पाएंगे, ऐसे स्थान हैं -
1.लोटस टेम्पल
2. इस्कॉन मंदिर
3. वर्ल्डस ऑफ वण्डर
4. ओखला पक्षी अभ्यारण्य
5. कालिंदी कुंज पार्क
6. नेशनल जूलोजिकल पार्क
7. सेंटर स्टेज मॉल
8. सब मॉल
9. आर्ट लाइफ गैलरी
10. नोएडा गोल्फ कोर्स
11. सनातन धर्म मंदिर 
12. स्तूप 18 गैलरी.
13. आज से नोएडा के पहले म्यूजिकल फाउंटेन (Musical Fountain) को भी आम लोगों के लिए खोल दिया गया है।पोस्ट के ऊपर दिया गया चित्र इसीका है। नोएडा सेक्टर 91 स्थित बायोडायवर्सिटी पार्क (Bio-diversity Park ) के मेडिसन पार्क में बने इस म्यूजिकल फाउंटेन में लेजर लाइट एंड साउंड शो को देखने के लिए लोगों से कोई फीस नहीं ली जाएगी। इसमें लोगों की एंट्री फ्री है, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण अभी इसे देखने वाले लोगों की संख्या को सीमित रखा जाएगा। एक बार में सिर्फ 75 लोग ही इस म्यूजिकल फाउंटेन का आनंद ले सकेंगे। नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने म्यूजिकल फाउंटेन बनाने और लेजर लाइट एंड साउंड शो की व्यवस्था करने में चार करोड़ 45 लाख रुपये खर्च किए हैं। 

   लेजर लाइट एंड साउंड शो प्रतिदिन शाम सात बजे आयोजित होगा। इस शो का उद्देश्य लोगों का मनोरंजन करने के साथ ही उन्हें विभिन्न वनस्पति औषधि के बारे में जानकारी देना है। इस अनूठे शो के माध्यम से महर्षि चरक के जीवन का इतिहास और आयुर्वेद से उनके रिश्तों को बताया जाएगा। इस म्यूजिकल फाउंटेन का उद्घाटन 5 अक्टूबर सोमवार शाम को प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी, सांसद डॉ. महेश शर्मा व विधायक पंकज सिंह ने किया था। 

दुबई और सिंगापुर में होती है ऐसी चीजें

म्यूजिकल फाउंटेन की ओपनिंग सेरेमनी में मौजूद नोएडा के विधायक पंकज सिंह ने कहा कि जब शहर का विकास तेजी से हो रहा है, तो यहां सारी सुविधाएं होनी चाहिए। पंकज सिंह ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में इस प्रोजेक्ट के पूरे होने पर वह बहुत खुश हैं, लोग दूर-दूर से यहां म्यूजिकल फाउंटेन का लुत्फ उठाने के लिए आएंगे। उन्होंने कहा कि आमतौर पर इस तरह की चीजें दुबई और सिंगापुर जैसे बडे़ शहरों में होती हैं।