CBS- Core Banking Solutions
CBS का अर्थ है- कोर बैंकिंग सॉल्यूशन्स
CBS में "C" का मतलब है, CORE
CORE शब्द का फुल फॉर्म है :-
Centralized Online Real Time Environment
CORE शब्द का तात्पर्य है - किसी बैंक की एक शाखा द्वारा जो सेवाएं किसी ग्राहक को प्रदान की जाती हैं वो सभी सेवाएं उस ग्राहक को बैंक की अन्य स्थानों पर स्थित शाखाओं में भी उपलब्ध होंगी। CBS की सुविधा बैंकों में कम्प्यूटर्स का उपयोग प्रारंभ होने पर शुरू हुई। CBS सिस्टम में एक बैंक की समस्त शाखाएं केंद्रीकृत इंटरनेट centralised internet द्वारा एक दूसरे से सम्बद्ध हो जाती हैं। जिसकी वजह से बैंक का कोई ग्राहक अपनी गृह शाखा यानि जहां उसका खाता है,में जाये बिना दुनिया में कहीं भी स्थित उसी बैंक की अन्य शाखा से लेन-देन कर सकता है।
कोर बैंकिंग का कॉन्सेप्ट इस महत्वपूर्ण तर्क से उभरा है कि बैंकों की शाखाएं कंप्यूटरीकृत होने व आपस में एक-दूसरे से सम्बद्ध होने से अब बैंक का कोई ग्राहक किसी विशेष शाखा का ग्राहक नहीं बल्कि उस पूरी बैंक का ग्राहक बन गया है।
जैसा कि कोर बैंकिंग सॉल्यूशन्स के फुल फॉर्म में वर्णित है- Centralized Online Real Time Environment.अर्थात कोर बैंकिंग के तहत जो भी व्यवहार किये जाते हैं वे सब रियल टाइम होते हैं व उसी समय इंट्रानेट के जरिये जुड़ी बैंक की समस्त शाखाओं में भी दिखाई देते हैं।
बैंकों में CBS सिस्टम लागू होने से ग्राहक व बैंक दोनों को ही कई लाभ हुए हैं। ग्राहक अपना खाता बैंक की अन्य शाखा से भी संचालित कर सकता है। एक बार ग्राहक संबंधी पूरी जानकारी सिस्टम में भरने के बाद खाते को मेंटेन करने में आसानी हो जाती है। ब्याज, पेनल्टी व अन्य चार्जेस की गणना कंप्यूटर अपने आप करके खाते में डेबिट-क्रेडिट कर देता है।
CBS का अर्थ है- कोर बैंकिंग सॉल्यूशन्स
CBS में "C" का मतलब है, CORE
CORE शब्द का फुल फॉर्म है :-
Centralized Online Real Time Environment
CORE शब्द का तात्पर्य है - किसी बैंक की एक शाखा द्वारा जो सेवाएं किसी ग्राहक को प्रदान की जाती हैं वो सभी सेवाएं उस ग्राहक को बैंक की अन्य स्थानों पर स्थित शाखाओं में भी उपलब्ध होंगी। CBS की सुविधा बैंकों में कम्प्यूटर्स का उपयोग प्रारंभ होने पर शुरू हुई। CBS सिस्टम में एक बैंक की समस्त शाखाएं केंद्रीकृत इंटरनेट centralised internet द्वारा एक दूसरे से सम्बद्ध हो जाती हैं। जिसकी वजह से बैंक का कोई ग्राहक अपनी गृह शाखा यानि जहां उसका खाता है,में जाये बिना दुनिया में कहीं भी स्थित उसी बैंक की अन्य शाखा से लेन-देन कर सकता है।
कोर बैंकिंग का कॉन्सेप्ट इस महत्वपूर्ण तर्क से उभरा है कि बैंकों की शाखाएं कंप्यूटरीकृत होने व आपस में एक-दूसरे से सम्बद्ध होने से अब बैंक का कोई ग्राहक किसी विशेष शाखा का ग्राहक नहीं बल्कि उस पूरी बैंक का ग्राहक बन गया है।
जैसा कि कोर बैंकिंग सॉल्यूशन्स के फुल फॉर्म में वर्णित है- Centralized Online Real Time Environment.अर्थात कोर बैंकिंग के तहत जो भी व्यवहार किये जाते हैं वे सब रियल टाइम होते हैं व उसी समय इंट्रानेट के जरिये जुड़ी बैंक की समस्त शाखाओं में भी दिखाई देते हैं।
बैंकों में CBS सिस्टम लागू होने से ग्राहक व बैंक दोनों को ही कई लाभ हुए हैं। ग्राहक अपना खाता बैंक की अन्य शाखा से भी संचालित कर सकता है। एक बार ग्राहक संबंधी पूरी जानकारी सिस्टम में भरने के बाद खाते को मेंटेन करने में आसानी हो जाती है। ब्याज, पेनल्टी व अन्य चार्जेस की गणना कंप्यूटर अपने आप करके खाते में डेबिट-क्रेडिट कर देता है।
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