गुरुवार, 3 नवंबर 2022

full forms of abbreviations used in doctor's prescription



जब मरीज का परीक्षण करने के बाद दवाओं की पर्ची लिख कर देता है तो डॉक्टर पर्ची पर दवाइयां लिखते-लिखते मरीज को दवाई दिन में कितनी बार और कैसे लेनी है,यह बताता चलता है पर पर्ची या प्रिस्क्रिप्शन में लिखे सांकेतिक कोड वर्ड न मरीज समझ सकता है न उसके घर वाले। ऐसी परिस्थिति में दवा की दुकान वाला केमिस्ट कई बार दवा की शीशी और गोलियों के पत्तों पर दवा लेने के बारे में हिदायतें लिख देता है,लेकिन यदि मरीज खुद पर्चे में लिखी दवा को कैसे और कितनी बार लेना है समझ जाए तो दवा की गलत खुराक लेने से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। और वैसे भी डॉक्टर के यहां जाने का काम तो हम सभी को कभी-कभी पड़ता ही रहता है तो क्यों न हम स्वयं डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन में लिखी सीक्रेट भाषा सीखें ताकि दवाई लेने में कोई भूल न हो।

दरअसल बीमारी का इलाज करने की एलोपैथिक पद्धति का उद्भव लैटिन अमेरिका में हुआ था। इस कारण
  से डॉक्टर्स अपने प्रिस्क्रिप्शन में लैटिन भाषा प्रयोग करते हैं। यहां हम आपको डॉक्टर द्वारा प्रयोग किये जाने वाले शार्ट फॉर्म्स का पूरा नाम व उनका आशय बताएंगे :

Rx -  Recipere प्रिस्क्रिप्शन में सबसे ऊपर लिखा जाने वाला शब्द। इसका अर्थ है-इलाज के लिए उपचार। यह शब्द भोजन बनाने की विधि अर्थात recipe रेसिपी जैसा ही है। Rx शब्द कई दवाओं के पत्तों पर भी    लिखा रहता हैै।  इस का मतलब है कि यह दवाई  केवल तभी बेची जा सकती है जब डॉक्टर  मरीज को  परची पर लिख कर दे।

N.A.D. - (नो अबनोरमेलिटी डिटेक्टेड) अर्थात मरीज में कोई असामान्यता नहीं पाई गई।
g - gram ग्राम

Tab. - tablet गोली
Cap. - capsule
Syp. - सीरप
Inj.  - इंजेक्शन
Oint. - ऑइंटमेंट यानि मलहम
Gtt. - ड्राप
Sol - Solution घोल

I.M. - Intra muscular मांसपेशी में लगाया जाने वाला इंजेक्शन

I.V. - Intra Venus नस में लगने वाला इंजेक्शन

S.C. - Sub Cutenus त्वचा के नीचे लगने वाला इंजेक्शन।

A/D - Alternate Day दवा एक दिन छोड़ कर लेनी है। इसे Q.O.D.भी लिखा जाता है।

Q.D./Q.I.D. - Quarter in die दवा दिन में चार बार, चार-चार घण्टे के अंतर से लेनी है।

O.D. - omni die दिन में एक बार लेना है।

B.D/B.I.D. - Bis in die दिन में दो बार यानि 12 घण्टे के अंतर से दवा लेनी है।

A.C. - Ante Cibum भोजन से पहले दवा लेनी है।
P. C. - Post Cibum भोजन के बाद।


B.B.F. - before breakfast सुबह नाश्ते के पहले

T.I.D. -  Ter in die  दिन में 3 बार अर्थात 5 घण्टे के अंतर से लेनी है। इसे T.D.S. भी लिखा
जाता है।

S.L. - Sub Lingual जीभ के नीचे रख कर गोली चूसना है।

S.T.A.T. - दवा की खुराक तुरन्त लेना है।

S.O.S. - ज्यादा दर्द या तकलीफ बढ़ने पर ही लेना है।

S.R. - मरीज को नमक कम से कम खाना है।

H.S. -  Hora somni दवा रात को सोने से पहले लेनी है।

T.S.F. - table spoonful  एक छोटा चम्मच भर कर

W.S. - Warm saline गुनगुने पानी मे नमक डाल कर गरारे करना या दर्द वाली जगह पर सिंकाई करना है।

Aplicap - कैप्सूल लेकिन इसे निगलना नहीं है बल्कि काट कर आंखों में डालना है या घाव पर लगाना है।

Ad Lib - पर्ची में लिखी मात्रा में ही दवा लें।ज्यादा लेने से नुकसान हो सकता है।

P.O. - दवा मुंह से लेनी है,इंजेक्शन द्वारा नहीं।

Q.H. -  Queque Hora हर घंटे।

B.T. - Bed time सोते समय

Pulv - पावडर

s - sine के बिना।

c - cum के साथ।

Q - Queque प्रत्येक

Qd - Queque die प्रतिदिन

Q.O.D. -  Queque Alter die  एक दिन छोड़कर 

गोली पर बीच में बनी लाइन -

आपने देखा होगा कि कई गोलियों के मध्य में एक लाइन बनी रहती है। इसे अंग्रेजी में debossed line कहते हैं।  इस लाइन का क्या उपयोग है ? 
गोली पर बीच में जो लाइन बनी होती है, वह अक्सर साइज में बड़ी गोली पर बनाई जाती है। ज्यादा पॉवरफुल गोली पर भी यह लाइन दवा कम्पनी द्वारा बना दी जाती है। जैसे कोई गोली 100mg मात्रा की है और डॉक्टर ने आपको 50mg मात्रा एक समय में लेने के लिए निर्देश दिए हैं तो आप गोली को बीच में से तोड़ कर आधी गोली ले सकें, इसलिये यह लाइन बनाई जाती है। जिन गोलियों पर यह लाइन नहीं बनी रहती है, उन्हें कभी तोड़कर कम मात्रा में न लें। कम मात्रा में लेने से ऐसी गोली का प्रभाव शून्य होगा।



































गुरुवार, 21 जुलाई 2022

Full form of LPG, CNG, LNG & PNG in Hindi



CNG का फुल फार्म- Compressed Natural Gas

LPG का फुल फार्म - Liquified Petroleum Gas

LNG का फुल फार्म - Liquified Natural Gas

PNG का फुल फार्म- Pipelined Natural Gas

CBG का फुल फॉर्म- Compressed Bio Gas

CNG फुल फॉर्म
- CNG गैस को हिंदी में संपीडित गैस कहते हैं। CNG में मुख्य रूप से मीथेन गैस होती है। मीथेन को जब बहुत अधिक दाब के साथ संग्रहित किया जाता है तो वह CNG कहलाती है।
 CNG का उपयोग रिक्शा चलाने में किया जा रहा है। यह एलपीजी गैस के मुकाबले अधिक सुरक्षित है। क्योंकि CNG हवा से काफी हल्की होती है। यदि वह लीक होती है तो फौरन हवा में मिल जाती है। इसके अलावा CNG दूसरी गैसों की अपेक्षा हानिकारक गैसों का उत्सर्जन कम मात्रा में करती है। इसीलिए CNG को क्लीन गैस भी कहा जाता है।एक अनुमान के अनुसार पेट्रोल वाहनों में CNG इस्तेमाल करने से 56% ईधन खर्च बचता है वहीं डीजल वाहनों में CNG का इस्तेमाल करने से 32 % ईधन खर्च में कमी आती है। भविष्य में CNG का प्रयोग लगातार बढ़ने की आशा है।

LPG फुल फार्म - LPG का फुल फार्म लिक्विफाईड पेट्रोलियम गैस है। पेट्रोल का उत्पादन करते समय LPG एक बाय- प्रोडक्ट के रूप में प्राप्त होती है। यह हवा से भारी होती है व इसके संपर्क में आते ही तुरंत आग पकड़ती है, इसलिए हम अक्सर LPG गैस सिलेंडर में विस्फोट और आग लगने की खबरें सुनते हैं।
वास्तव में एलपीजी हाइड्रोकार्बन गैसों प्रोपेन, ब्यूटेन और आईसोब्यूटेन गैस के ग्रुप का एक सामान्य नाम है। इसे हम सब रसोई गैस के नाम से जानते हैं। LPG मुख्यतः घरों में भोजन बनाने व वाहन चलाने में काम आती है। रेफ्रिजरेटर में उपयोग होने वाली क्लोरोफ्लोरो कार्बन नाम की गैस के स्थान पर भी आजकल एलपीजी का प्रयोग होने लगा है। क्लोरोफ्लोरो कार्बन गैस से पृथ्वी का कवच मानी जाने वाली ओजोन पर्त को नुकसान पहुंचता है जिसके कारण सूर्य से निकलने वाली अल्ट्रा वॉयलेट किरणें पृथ्वी पर ज्यादा मात्रा में आ जाती हैं। एलपीजी गैस से ओजोन पर्त को कोई हानि नहीं होती है।
वर्ष 2016 में देश में रसोई गैस (LPG) की पहुंच 62% लोगों तक थी जो 2019 तक 90% तक पहुंच गई है। यह संख्या 2014 में 55% थी। यहां यह भी बताना जरूरी है कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा LPG उपभोक्ता है। आगे सन् 2025 तक LPG की मांग 34% बढ़ने का अनुमान है। 

LNG फुल फार्म- LNG का फुल फार्म लिक्विफाईड नेचुरल गैस है। हिंदी में इसे द्रवीकृत प्राकृतिक गैस कहते हैं। LNG एक प्रकार से मीथेन गैस ही है जिसे लगभग -260 डिग्री फेरनहाइट तक ठंडा किया जाता है जिससे इसका घनत्व सिकुड़ कर काफी कम हो जाता है ताकि इसको स्टोर करने व ट्रांसपोर्टेशन में आसानी हो।

PNG फुल फार्म - PNG का फुल फार्म Pipelined Natural Gas पाइपलाईंड नेचुरल गैस है। यह CNG गैस ही है। बस दोनों में इतना अंतर है कि पाइपलाईंड नेचुरल गैस की सप्लाय घरों में ईंधन के रूप में पाइप द्वारा की जाती है।

CBG फुल फॉर्म - Compressed Bio Gas कम्प्रेस्ड बॉयोगैस 
यह एक नए तरह का ईंधन है, जो कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस और सीएनजी जैसे फ्यूल पर निर्भरता को कम कर सकता है। इससे कॉर्बन का भी उत्सर्जन नहीं होगा।
CBG मुख्य रूप से जैविक अपशिष्ट जैसे गोबर, खाद्य अपशिष्ट, कृषि अवशेष और विशेषकर नगर पालिका के कचरा-वाहन का कचरा आदि से बनाई जाने वाली गैस है।
इसका उपयोग भोजन बनाने, बिजली उत्पादन, वाहनों के ईंधन के रूप में किया जा रहा है।

रासायनिक दृष्टि से, सीबीजी और सीएनजी दोनों एक ही हैं - दोनों ही संपीड़ित मीथेन हैं और इनका कैलोरी मान भी समान है।
अंतर यह है कि सीएनजी पेट्रोलियम का उप-उत्पाद है, जबकि सीबीजी किसी भी बायोमास से उत्पादित किया जा सकता है।
सीएनजी की तरह, सीबीजी को भी सिलेंडर या पाइपलाइन के माध्यम से आम उपभोक्ताओं तक पहुँचाया जा सकता है।

 


शुक्रवार, 8 जुलाई 2022

Full form of PIN code in Hindi


हम लोग भारत में जो भी डाक पोस्ट ऑफिस के माध्यम से प्राप्त करते हैं या कोई पत्र,पार्सल और रजिस्ट्री आदि डाक द्वारा अन्य स्थान पर भेजते हैं, तो डाक पर पते के साथ शहर का नाम और 6 अंकों वाला एक नम्बर जरूर लिखते हैं। इस 6 अंकों वाले नम्बर को ही PIN Code (पिन कोड) कहा जाता है। PIN Code पोस्टल इंडेक्स नंबर (पिन) का संक्षिप्त नाम है।
PIN Code छः अंकों की नम्बर प्रणाली है जो भारतीय डाक विभाग द्वारा प्रयोग की जाती है।

भारत के डाक विभाग में पिन कोड प्रणाली की शुरुआत कब की गई ?


भारत में डाक वितरण करने वाले अनेक डाक घर हैं। डाक घरों को बहुत ज्यादा संख्या में प्रतिदिन डाक प्राप्त होती है। डाक की छंटाई में आसानी हो इसके लिए 15 अगस्त 1972 को पिन कोड की शुरुआत की गई।

 देश के प्रत्येक डाक घर को एक विशिष्ठ नम्बर या कोड आवंटित किया गया है। पिन कोड प्रणाली लागू करने हेतु सम्पूर्ण भारत को 8 भौगोलिक क्षेत्र में बांटा गया है। नवां क्षेत्र आर्मी पोस्टल क्षेत्र है।
पिन कोड के छः अंकों में से पहला अंक किसी विशेष राज्य या क्षेत्र को दर्शाता है। दूसरा अंक उपक्षेत्र या पोस्टल सर्कल को बताता है। तीसरा अंक राज्य के जिले को इंगित करता है। अंतिम तीन अंक उस विशेष पोस्ट ऑफिस को दर्शाता है जहां पत्र का वितरण होना है। नीचे विभिन्न राज्यों के PIN CODE इंगित करता हुआ भारत का नक्शा दिया गया है।


यहां एक तालिका दी गई है जिसमें 1 से 8 तक नम्बर से सम्बंधित क्षेत्र और राज्य दर्शाये गए हैं।
1. उत्तरी दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश।
2 .उत्तरी उत्तर प्रदेश,और उत्तराखंड।
3. पश्चिमी राजस्थान और गुजरात।
4. पश्चिमी छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मप्र।
5. दक्षिणी आंध्र प्रदेश और कर्नाटक।
6. दक्षिणी केरल एवं तमिलनाडु।
7. पूर्वी प. बंगाल और ओडिशा।
8. पूर्वी बिहार और झारखण्ड।
9. आर्मी पोस्टल सेवा।

राज्यों के पिन कोड 

अब हम पिन कोड के शुरू के दो नंबरों के बारे में जानते हैं। 11 नंबर दिल्ली का है, 12-13 हरियाणा, 14-16 पंजाब, 17 हिमाचल प्रदेश, 18 और 19 जम्मू और काश्मीर, 20-28 उत्तर प्रदेश और उत्तरांचल के लिए, 30-34 राजस्थान, 36-39 गुजरात, 40-44 महाराष्ट्र, 45-49 मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़, 50-53 आंध्र प्रदेश, 56-59 कर्नाटक, 60-64 तमिलनाड़ु, 67-69 केरल, 70-74 बंगाल, 75-77 ओडिशा, 78 असम, 79 नॉर्थ ईस्टर्न इलाके, 80-85 बिहार और झारखंड, 90-99 आर्मी पोस्टल सर्विसेज।

पिन कोड के अगले 3 डिजिट उस क्षेत्र की जानकारी देते हैं जहां आपका सामान पहुंचना है। इसका मतलब है उस ऑफिस में जहां आपका सामान जाएगा। एक बार आपका सामान सही पोस्ट ऑफिस तक पहुंच गया तो वहां से यह आपके घर तक पहुंचाया जाता है।

आज के जमाने में सभी लोग ई मेल से पत्र व्यवहार करते हैं इसलिए चिट्ठी का महत्व कम हो गया है और उसके साथ ही पिन कोड का भी। पर फिर भी पिन कोड तो सदा ही अस्तित्व में रहेगा।