शनिवार, 2 जनवरी 2021

Full form of PIN code in Hindi


हम लोग भारत में जो भी डाक पोस्ट ऑफिस के माध्यम से प्राप्त करते हैं या कोई पत्र,पार्सल और रजिस्ट्री आदि डाक द्वारा अन्य स्थान पर भेजते हैं,तो  डाक पर पते के साथ शहर का नाम और 6 अंकों वाला एक नम्बर जरूर लिखते हैं।इस 6 अंकों वाले नम्बर को ही PIN Code (पिन कोड) कहा जाता है। PIN Code पोस्टल इंडेक्स नंबर (पिन) का संक्षिप्त नाम है।
PIN Code छः अंकों की नम्बर प्रणाली है जो भारतीय डाक विभाग द्वारा प्रयोग की जाती है।
भारत में डाक वितरण करने वाले अनेक डाक घर हैं। डाक घरों को बहुत ज्यादा संख्या में प्रतिदिन डाक प्राप्त होती है। डाक की छंटाई में आसानी हो इसके लिए 5 अगस्त 1972 को पिन कोड की शुरुआत की गई। देश के प्रत्येक डाक घर को एक विशिष्ठ नम्बर या कोड आवंटित किया गया है। पिन कोड प्रणाली लागू करने हेतु सम्पूर्ण भारत को 8 भौगोलिक क्षेत्र में बांटा गया है। नवां क्षेत्र आर्मी पोस्टल क्षेत्र है।
पिन कोड के छः अंकों में से पहला अंक किसी विशेष राज्य या क्षेत्र को दर्शाता है। दूसरा अंक उपक्षेत्र या पोस्टल सर्कल को बताता है। तीसरा अंक राज्य के जिले को इंगित करता है। अंतिम तीन अंक उस विशेष पोस्ट ऑफिस को दर्शाता है जहां पत्र का वितरण होना है। नीचे विभिन्न राज्यों के PIN CODE इंगित करता हुआ भारत का नक्शा दिया गया है।


यहां एक तालिका दी गयी है जिसमें 1 से 8 तक नम्बर से सम्बंधित क्षेत्र और राज्य दर्शाये गए हैं।
1.उत्तरी दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश।
2.उत्तरी उत्तर प्रदेश,और उत्तराखंड।
3. पश्चिमी राजस्थान और गुजरात।
4. पश्चिमी छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मप्र।
5. दक्षिणी आंध्र प्रदेश और कर्नाटक।
6. दक्षिणी केरल एवं तमिलनाडु।
7. पूर्वी प. बंगाल और ओडिशा।
8. पूर्वी बिहार और झारखण्ड।
9. आर्मी पोस्टल सेवा।

राज्यों के पिन कोड 

अब हम पिन कोड के शुरू के दो नंबरों के बारे में जानते हैं। 11 नंबर दिल्ली का है, 12-13 हरियाणा, 14-16 पंजाब, 17 हिमाचल प्रदेश, 18 और 19 जम्मू और काश्मीर, 20-28 उत्तर प्रदेश और उत्तरांचल के लिए, 30-34 राजस्थान, 36-39 गुजरात, 40-44 महाराष्ट्र, 45-49 मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़, 50-53 आंध्र प्रदेश, 56-59 कर्नाटक, 60-64 तमिलनाड़ु, 67-69 केरल, 70-74 बंगाल, 75-77 ओडिशा, 78 असम, 79 नॉर्थ ईस्टर्न इलाके, 80-85 बिहार और झारखंड, 90-99 आर्मी पोस्टल सर्विसेज।

पिन कोड के अगले 3 डिजिट उस क्षेत्र की जानकारी देते हैं जहां आपका सामान पहुंचना है। इसका मतलब है उस ऑफिस में जहां आपका सामान जाएगा। एक बार आपका सामान सही पोस्ट ऑफिस तक पहुंच गया तो वहां से यह आपके घर तक पहुंचाया जाता है।

आज के जमाने में सभी लोग ई मेल से पत्र व्यवहार करते हैं इसलिए चिट्ठी का महत्व कम हो गया है और उसके साथ ही पिन कोड का भी। पर फिर भी पिन कोड तो सदा ही अस्तित्व में रहेगा।



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