बुधवार, 12 अगस्त 2020

ABVP full form in Hindi

 


    Full Form of ABVP - Akhil Bhartiy Vidhyarthi Parishad अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

ABVP की स्थापना 9 जुलाई 1949 को हुई थी। यह भारत का सबसे बड़ा छात्र संगठन है।

   एबीवीपी का कार्यक्षेत्र -  इस संगठन का मुख्य कार्यक्षेत्र देश के कॉलेज है जहां यह छात्रों के हित और उनके बेहतर भविष्य हेतु कार्य करता है।

 वर्तमान परिदृश्य में विशेष कर भारत में जहां कुल आबादी में युवाओं की संख्या अधिक है, देश की प्रगति में युवाओं और छात्रों की भूमिका और सहभागिता बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। ABVP  छात्रों को इन दायित्वों का निर्वहन करने और भविष्य के बेहतर राष्ट्र- निर्माण करने हेतु तैयार करता है।

उद्देश्य- ABVP बनाने के पीछे शिक्षा पद्धति को छात्रों के भविष्य निर्माण के अनुकूल बनाना, छात्रों को रचनात्मक गतिविधियों में लगाना और सामाजिक हित में कार्य करना।

 एबीवीपी की गतिविधियां - एबीवीपी समय-समय पर छात्रों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद प्रतियोगिताएं एवं केरियर मार्गदर्शन जैसे कार्यक्रम आयोजित करती है। साथ ही देश में आपदाग्रस्त क्षेत्र में नागरिकों की सुरक्षा और सहायता आदि मुहैया कराती है।



Full form of WPI


WPI (Whole Sale Price Index)
 

हिंदी में - थोक मूल्य सूचकांक

  1. WPI का आंकलन प्रति सप्ताह ऑफिस ऑफ़ इकॉनामिक एडवाइजर करती है जो वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आता है.WPI की गणना के लिए
  2. एक base year (आधार वर्ष) तय किया जाता है जो फिलहाल 2011-12 है.
  3.  इस गणना में कुल 676 वस्तुएं सम्मिलित हैं, वे हैं:–
  • प्राथमिक वस्तु (primary articles):— दाल, चावल, सब्जियाँ इत्यादि.

  • निर्माण उत्पाद (manufactured articles):—पेय पदार्थ,तम्बाकू व इससे निर्मित उत्पाद,लकड़ी व इससे निर्मित सामान,रासायनिक उत्पाद, धातु उत्पाद, खाद्य उत्पाद, कपड़े,कागज व इससे निर्मित उत्पादन, रबर और इससे निर्मित उत्पाद, व

  • इंधन (तेल, बिजली, कोयला)
रासायनिक उत्पाद में कार्बन और उसके यौगिक, एसिड, सोडा, सोडा ऐश, ऑक्सीजन, जिंक ऑक्साइड आदि आते हैं.
खाद्येत्तर वस्तुओं में- रुई, जूट, ऊन, सिल्क, फाइबर आदि आते हैं.

WPI की सूची में उन वस्तुओं को ऊपर
 रखा जाता है जिनके prices महत्त्वपूर्ण हैं. उदाहरण के लिए, WPI प्राथमिक वस्तु में सर्वप्रथम खाद्य वस्तुएँ (दाल-चावल आदि) फिर खाद्येत्तर …फिर जाकर खनिज के prices-level को रखा जाता है. दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि खाद्य वस्तुओं के दाम को सबसे अधिक प्राथमिकता दी गई है. यह प्राथमिकता, उपभोक्ताओं के द्वारा किसी विशेष वस्तु पर किये जा रहे खर्च पर निर्भर करता है. जिस प्रकार की वस्तु पर अधिक खर्च किया जाता है,के वह सूची में ऊपर दिखेगा और कम उपयोगी वस्तुओं के वर्ग का नाम नीचे आएगा.
2012 तक सरकार द्वारा जारी मुद्रा- स्फीति के आंकड़े WPI पर ही आधारित होते थे लेकिन 2013 से मुद्रा-स्फीति का आंकलन CPI के आधार पर निर्धारित होता है.

WPI कैसे निकाला जाता है ?

WPI निकालने के लिए बेस ईयर की सहायता ली जाती है। सन् 2017 से WPI मापने के आधार वर्ष 2011-12 है.अब मान लें आपको दालों का WPI पता करना है. इसके लिए सन् 2011-12 के दौरान दालों की कीमतें जानना होगी. मान लीजिए उस समय दालों की कीमत 40 रुपये प्रति किलो थी. अभी 2020 में यह बढ़कर 90 रुपये प्रति किलो हो गई तो मूल्य में बढ़ोतरी 50 रुपये प्रति किलो हुई. इसे हमको प्रतिशत के रूप में बदलना होगा.
40 रुपये पर 50 रुपए की वृद्धि
100 रुपये पर 125 रुपये की वृद्धि
अतः WPI 100 + 125 =225 
दालों के लिए सन् 2020 में WPI 225 है.